हनुमान जयन्ती को भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान हनुमान के भक्तों के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है। भगवान हनुमान माता अञ्जना एवं वानरराज केसरी के पुत्र हैं। उन्हें वायु देव, अर्थात वायु के देवता के पुत्र के रूप में भी वर्णित किया गया है।
हिन्दु पञ्चाङ्ग में हनुमान जयन्ती के सटीक दिन पर कोई सहमति नहीं है। इसीलिये क्षेत्रीय मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जयन्ती मनाने भिन्न-भिन्न दिवसों पर मनायी जाती है। हालाँकि, चैत्र पूर्णिमा को अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में भगवान हनुमान का जन्मदिवस मानाने हेतु व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।
हनुमान जयन्ती उत्पत्ति एवं महत्व
हनुमान जी भगवान राम के अनन्य भक्त हैं तथा वह रामायण हिन्दु महाकाव्य के केन्द्रीय पात्र हैं। इसीलिये भगवान हनुमान के जन्मोत्सव का उद्भव भगवान राम के युग से हुआ है। अतः हनुमान जयन्ती का सही समय ज्ञात करना कठिन है, क्योंकि यह पर्व सदियों से मनाया जा रहा है (कुछ अपुष्ट अभिलेखों के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म लगभग 1 करोड़ 85 लाख वर्ष पूर्व हुआ था)।
मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार को सूर्योदय के तत्काल उपरान्त हुआ था। हनुमान जी का जन्म चित्रा नक्षत्र तथा मेष लग्न में हुआ था।
हनुमान जयन्ती के देवी-देवता
भगवान हनुमान मुख्य देवता हैं जिनकी हनुमान जयन्ती के दिन पूजा की जाती है।
हनुमान जयन्ती तिथि एवं समय
अमान्त एवं पूर्णिमान्त हिन्दु के अनुसार - चैत्र (प्रथम माह) की पूर्णिमा
हनुमान जी को सिन्दूर अर्थात लाल सिन्दूर अर्पित करना
हनुमान जयन्ती की क्षेत्रीय विविधितायें
उत्तर भारत में हनुमान जयन्ती - अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में, हनुमान जयन्ती चैत्र पूर्णिमा के दौरान मनायी जाती है।
तमिलनाडु में हनुमान जयन्ती - तमिलनाडु में, हनुमान जयन्ती को हनुमथ जयन्थी के रूप में मार्गशीर्ष अमावस्या पर मनाया जाता है।
आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में हनुमान जयन्ती - आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में, हनुमान जयन्ती 41 दिनों तक मनायी जाती है जो चैत्र पूर्णिमा से आरम्भ होती है तथा वैशाख माह में कृष्ण पक्ष के समय दसवें दिन समाप्त होती है। आन्ध्र प्रदेश में भक्तगण चैत्र पूर्णिमा पर 41 दिवसीय दीक्षा आरम्भ करते हैं तथा हनुमान जयन्थी के दिन इसका समापन करते हैं।
कर्नाटक में हनुमान जयन्ती - कर्नाटक में, हनुमान जयन्ती मार्गशीर्ष माह के समय शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को मनायी जाती है। यह दिन हनुमान व्रतम् के नाम से अत्यधिक लोकप्रिय है।
उड़ीसा में हनुमान जयन्ती - उड़ीसा में, हनुमान जयन्ती विशुभ संक्रान्ति के समय मनायी जाती है जिसे अन्य कैलेण्डरों में मेष संक्रान्ति के रूप में भी जाना जाता है।