टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Cambridge, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
खग्रास चन्द्र ग्रहण 26 मई को दर्शनीय होगा। वर्ष 2021 में यह पहला चन्द्र ग्रहण होगा। परमग्रास ग्रहण के दौरान चन्द्रमाँ पृथ्वी की प्रच्छाया से पूर्ण रूप से छिप जायेगा। पृथ्वी के वातावरण से अपवर्तित सूर्य की रौशनी चन्द्रमाँ के जिस भाग पर पड़ेगी, चन्द्रमाँ का केवल उतना ही भाग प्रबुद्ध होगा और जिसके कारण वह लाल रंग का दिखेगा। समग्रता की सबसे लम्बी अवधि 11 मिनट और 16 सेकण्ड की होगी।
यह चन्द्र ग्रहण मुख्यतः पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका से दर्शनीय होगा।
अधिकतम भारत, नेपाल और श्रीलंका से, केवल उपच्छाया चन्द्र ग्रहण ही दर्शनीय होगा जिसका वैदिक ज्योतिष में कोई महत्व नहीं है। भारत में पश्चिम बंगाल के कुछ पूर्वी शहरों, प्रमुख रूप से बहु-प्रसिद्ध शहर कोलकाता, से ही खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण दर्शनीय होगा। अतः पश्चिम बंगाल के कुछ पूर्वी शहरों को छोड़कर भारत के अन्य शहरों के लोगो को चन्द्र ग्रहण के दौरान किये जाने वाले नियम और अनुष्ठानों का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
चन्द्र ग्रहण भारत के कुछ उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से, पाकिस्तान, पश्चिम एशिया के अधिकांश देश, यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से दिखाई नहीं देगा।
ऑकलैंड, वेलिंग्टन, सिडनी, ब्रिस्बेन, मेलबोर्न, सिंगापुर, टोक्यो, शंघाई, सियोल, हॉन्ग कॉन्ग, मनीला, जकार्ता, कुआला लुम्पुर, लीमा, होनोलूलू, लॉस एंजेल्स, सैन फ्रांसिस्को और सिएटल कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहां पूर्ण चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा।
ग्रहण की दृश्यता के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया 26 मई 2021 का पूर्ण चन्द्र ग्रहण का प्लॉट देखें।
जब चन्द्र ग्रहण मध्यरात्रि (१२ बजे) से पहले लग जाता है परन्तु मध्यरात्रि के पश्चात समाप्त होता है - दूसरे शब्दों में जब चन्द्र ग्रहण अंग्रेजी कैलेण्डर में दो दिनों का अधिव्यापन (ओवरलैप) करता है - तो जिस दिन चन्द्रग्रहण अधिकतम होता है उस दिन की दिनाँक चन्द्रग्रहण के लिये दर्शायी जाती है। ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण की उपच्छाया तथा प्रच्छाया का स्पर्श पिछले दिन अर्थात मध्यरात्रि से पहले हो सकता है।
इस पृष्ठ पर दिये चन्द्रोदय और चन्द्रास्त के समय लंबन/विस्थापनाभास के लिये संशोधित हैं। लंबन का संशोधन चन्द्रग्रहण देखने के लिये उत्तम समय देता है।
हिन्दु धर्म में चन्द्रग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। जो चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से स्पष्ट दृष्टिगत न हो तो उस चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण नग्न आँखों से दृष्टिगत नहीं होते हैं इसीलिये उनका पञ्चाङ्ग में समावेश नहीं होता है और कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो कि नग्न आँखों से दृष्टिगत होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये विचारणीय होते हैं। सभी परम्परागत पञ्चाङ्ग केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं।
यदि चन्द्रग्रहण आपके शहर में दर्शनीय नहीं हो परन्तु दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन यदि मौसम की वजह से चन्द्रग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्रग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है और ग्रहण से सम्बन्धित सभी सावधानियों का पालन किया जाता है।